कोविड-19 की चुनौतियों और संभावनाओं के बाद “शिक्षक- शिक्षा”
Abstract
शिक्षण का कार्य, समस्त कार्यों में उत्तम और पवित्र माना जाता है। क्योंकि विद्यादान के समान अन्य कोई दूसरा कार्य नहीं है । शिक्षण प्रक्रिया के तीन अंगों (अध्यापक, छात्र, और पाठ्यक्रम) में अध्यापक सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है , शिक्षण की सफलता निश्चित रूप से अध्यापक पर निर्भर करती है। हम केवल यह मानकर चुप नही रह सकते कि अध्यापक जन्मजात होते है। आज दुनिया बदल रही है,इसलिए बदलते परिवेश में अध्यापकों के लिए भी निहित कौशल तथा तकनीकी से परिचित होना आवश्यक है जिससे समाज को कुशल अध्यापक मिल सकें ।और कुशल अध्यापक तैयार करना अध्यापक शिक्षा का काम है क्योंकि अध्यापक शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा भावी योग्य और कुशल अध्यापक तैयार हो सकते हैं ।
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